#Fact क्या हमें गीता एवं धर्म ग्रंथों की बात को मानना चाहिए। क्या गीता एवं धर्म ग्रंथों में मनुष्य की हर समस्या का हल है। गीता। धर्म #विज्ञान। विज्ञान





 हिंदी गजब सेक्टर में आपका स्वागत है यहां पर हम कुछ रोचक अनोखी fact तथ 

की जानकारी देते हैं आज का टॉपिक है क्या वेदों पुराणों के बातो को मानना चाहिए क्या गीता में मनुष्य की हर समस्या का समाधान है अगर ऐसा है तो चलिए कुछ तथ्यों को कुछ उदाहरण लेकर समझने की कोशिश करते हैं










उस समय की तरह ही या उस युग में जो समस्या थी जिसके ऊपर सारा महाभारत हुआ था जिसमें भगवान श्री कृष्ण ने गीता कही है और पता नहीं किस महान व्यक्ति ने

 उसको लिखा है क्योंकि महाभारत में गीता लिखने का कोई उल्लेख नहीं मिलता यहां पर   अर्जुन कृष्ण विदुर  धृतराष्ट्र 










के अलावा और किसी ने इसको नहीं सुना वल के विदुर ने तो यूं कहूं कि चोरी छुपे अपनी दूर दृष्टि या सेटेलाइट के द्वारा जैसे आज के युग में यानी कि आज प्रसारण प्रकाशित किए जाते हैं उसी प्रकार विदुर उस जमाने में धृतराष्ट्र के लिए कुरुक्षेत्र को महल में बैठकर सीधा प्रसारण करते थे

तो टॉपिक को नहीं छोड़ते हुए चले टॉपिक पर आते हैं कि जो उस युग में समस्या थी बंटवारे की समस्या आज भी जस की तस बनी हुई है आज भी बंटवारे के ऊपर चाहे तो छोटा परिवार हो चाहे बड़ा परिवार हो आज भी उनमें महाभारत हो जाता है चाहे सिर्फ एक हाथ जमीन की ही क्यों ना बात हो इतने में ही एक दूसरा एक दूसरे को मारने के लिए तैयार हो जाता है तो ऐसे ही एक सिचुएशन को इमेजिंग सोच कर देखते हैं कि क्या होगा के महाभारत की सिचुएशन आज के युग में दौराई जाए चलिए आगे बढ़ते हैं



   एक परिवार है जिसमें एक लड़का अपने हक को पाने के लिए या अपनी जमीन को पाने के लिए अपने चाचा ताऊ से अपने भाई बंधुओं से लड़ाई लड़ता है जिसमें कुछ सगे संबंधी भतीजे के तरफ तथा कुछ ताऊ की तरफ हो जाते हैं और जब ऐन वक्त पर चाचा ताऊ भतीजे के सामने आते हैं तो भतीजे की कुछ खूबसूरत दृश्य सामने आ जाते हैं जिसमें वह अपने परिवार के साथ कैसे खेला खुदा बड़ा हुआ इसको देख उसका मन परिवर्तित होता है और कहता है कि मैं अपने चाचा ताऊ को नहीं मारूंगा लेकिन इतने में उसका एक गीता भक्त दो दोस्त आकर कहता है हे पार्थ तुम यह क्या कर रहे हो यह अधर्म है सत्य के साथ ना लड़ना भी एक प्रकार का अधर्म होता है तो भतीजा कहता है कि मैं अपने सगे संबंधियों को कैसे मार सकता हूं तो गीता भक्त दोस्त कहता है नहीं तुम अपने सगे संबंधियों को नहीं मारोगे क्योंकि आत्मा कभी नहीं मरती वह अजय अमर होती है उसे ना तो काटा जा सकता है ना ही जलाया जा सकता है ना ही डुबाया  जा सकता है और ना ही सुखाया जा सकता है आत्मा सिर्फ पुराने वस्त्र को छोड़कर नए वस्त्र में जाती है एक पुराने शरीर को छोड़कर दूसरे नए शरीर को ग्रहण करती है और वैसे भी तुम्हारे चाचा ताऊ पुरानी छिन्न-भिन्न हुए तरह के वस्त्र हो चुके हैं एक दिन इन्हें फटने ही है तो इससे बढ़िया है कि तुम आज ही उन्हें फहाड़ दो  तो भतीजा कहता है यह कौन सा ज्ञान है दोस्त कहता है यह गीता ज्ञान है यह भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को महाभारत के टाइम दिया था इतना सुनकर भतीजा जोश में आ जाता है और सबको बंदूक से



 भून देता है यानी के पूरे परिवार का बंटाधार कर देता है तो क्या आपको लगता हैं के उस युग की तरह यह भी सुकून से रह सकता है

 अरे ऐसा कैसे हो सकता है कुछ कायदे कानून नाम की वी चीज है तो इतने में पुलिस आकर भतीजे को धर लेती है और ले जाकर पूछती तो है कि तुमने उन को क्यों मारा तो भतीजा कहता है मैंने किसी को नहीं मारा मैंने तो बस पुराने वस्त्र को फाड़ा है और कहता है आत्मा कभी नहीं मरती ताऊ की आत्मा अजर अमर है मैंने तो पुराने वस्त्रों को फाड़ा है और ताऊ की आत्मा को मुक्त किया  है इतने में आपको क्या लगता है पुलिसवाला क्या करेगा ज्यादा कुछ नहीं करेगा बस पूरी रात जोड़ता तोड़ी करेंगे 



 उसके बाद उसे अदालत में हाजिर किया जाता है और वकील पूछता है कि तुमने उन सब लोगों को क्यों माया



 तो भतीजा फिर से कहता है मैंने किसी को नहीं मारा मैंने तो बस कुछ पुराने क्षीड़ हो रहे वस्त्रों को फड़ा है और यह सब जिस पर तुम हाथ रखवा कर कसम खवा कर कहलवते हो उस में ही तो लिखा है मैं झूठ नहीं बोल रहा और अगर नहीं मानो तो एक बार  उसे पढ़ कर देख लो आपको पता चल जाएगा कि मैं गलत हूं या फिर गीता तो आपको क्या लगता है जज क्या करेगा जहां तक मेरा मानना है ज्यादा कुछ नहीं कहेगा बस इतना कहेगा जाओ साले को मेंटल हॉस्पिटल में लेकर जाओ गीता सही है या गलत बाद में डिस्कशन कर लेंगे


तो यह सब पढ़कर या जानकर क्या आपको लगता है की गीता का ज्ञान हर सिचुएशन में फिट बैठता है     और मनुष्य की हर समस्या का समाधान गीता में है इस बात का जवाब आप मुझसे बेहतर समझ सकते हैं की है 




धन्यवाद


 



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