F-35: दुनिया का सबसे खतरनाक फाइटर जेट
दुनिया में ऐसे बहुत कम फाइटर जेट्स हैं, जिनका नाम सुनते ही दुश्मनों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। इनमें सबसे ऊपर है F-35। आज की तारीख में यह फाइटर जेट इतना खतरनाक है कि हर देश इसे अपनी वायुसेवा में शामिल करना चाहता है और अपनी वायुसेना की ताकत को बढ़ाना चाहता है।
रूस और चीन का मुकाबला
रूस और चीन जैसे देश पिछले 15 साल से इसके टक्कर का विमान बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सफलता दूर-दूर तक नहीं दिख रही। हालांकि रूस ने SU-57 फाइटर जेट बनाया है, जो फिफ्थ जेनरेशन का फाइटर जेट है, लेकिन स्ट्रैंथ के मामले में F-35 से काफी पीछे है। हालांकि, मैन्युअलिटी, हाई स्पीड और पेलोड के मामले में यह F-35 से आगे है।
लेकिन पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट की सबसे बड़ी ताकत होती है स्टेल्थ तकनीक और वहीं इसकी कमजोरी है।
अमेरिका का ब्लॉक 4 अपग्रेड
अब खबर निकल कर आ रही है कि अमेरिका इसे और भी खतरनाक बनाने जा रहा है।
अमेरिका ने हाल ही में F-35 के लिए ब्लॉक 4 अपग्रेड की घोषणा की है। यह कोई मामूली अपग्रेड नहीं है, बल्कि 75 से ज्यादा बड़े सुधार और 100 से ज्यादा छोटे सुधार करने वाला है।
इन अपग्रेड के बाद इसकी रेंज और स्पीड में दोगुनी बढ़ोतरी होगी।
यह ज्यादा घातक हथियार ले जाने में सक्षम होगा।
इसकी स्टेल्थ तकनीक पर भी काम किया जाएगा, जिससे इसे डिटेक्ट करना लगभग असंभव हो जाएगा, भले ही यह दुश्मन की राजधानी के ऊपर ही क्यों ना उड़ रहा हो।
अमेरिका इस अपग्रेड पर करीब 16 बिलियन डॉलर खर्च कर रहा है, और यह प्रोजेक्ट 2026 तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद, F-35 को 5.5 जनरेशन फाइटर जेट कहा जाएगा। यह ऐसा विमान होगा, जो किसी भी डिफेंस सिस्टम को चकमा देने में माहिर होगा।
चीन और पाकिस्तान की तैयारी
चीन भारतीय सीमा पर अपने J-20 को तैनात कर चुका है और J-35 को विकसित कर रहा है। वहीं, भारत के पास एक भी फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट नहीं है।
तो सवाल यह उठता है कि क्या भारत को यह विमान खरीदना चाहिए? और क्या अमेरिका इस जेट के साथ टेक्नोलॉजी ट्रांसफर करेगा?
भारत का AMCA प्रोजेक्ट और विकल्प
भारत में यह चर्चा काफी समय से हो रही है कि हमें अपने स्टेल्थ फाइटर जेट्स को जल्द से जल्द डेवलप करना चाहिए। भारत अपने AMCA प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी पहली उड़ान 2030 से 2034 तक हो सकती है।
कुछ खबरों में यह भी आया है कि इसकी पहली उड़ान 2028 में हो सकती है।
लेकिन मुद्दा यह है कि इसे पूरा होने में समय लगेगा।
ऐसे में अगर भारत F-35 ब्लॉक 4 को खरीद लेता है, तो हमें फिफ्थ जनरेशन नहीं, बल्कि 5.5 जनरेशन का फाइटर जेट मिलेगा। और फिर हमारी वायुसेना की ताकत इतनी बढ़ जाएगी कि कोई भी दुश्मन इसका सामना करने से कतराएगा।
इसे खरीदने के बाद भारत को तुरंत ऑपरेशनल एडवांटेज मिलेगा, जिससे भारत तुरंत इन्हें पाकिस्तान और चीन की सीमा पर तैनात कर सकेगा।
इस के बाद भारत अपने AMCA प्रोजेक्ट को बिना दबाव के पूरा कर पाएगा।
क्या अमेरिका करेगा टेक्नोलॉजी ट्रांसफर?
सवाल यह उठता है कि क्या अमेरिका भारत को ट्रांसफर टेक्नोलॉजी के साथ F-35 देगा?
अमेरिका आमतौर पर इतनी हाई-टेक हथियारों की टेक्नोलॉजी ट्रांसफर नहीं करता। हालांकि, भारत और अमेरिका के रिश्ते मजबूत हो रहे हैं। फिर भी यह देखना होगा कि अमेरिका इस फाइटर जेट को बिना शर्त बेचता है या नहीं
विशेषज्ञों की राय
भारत के एक पूर्व वायुसेना अधिकारी का कहना है कि अगर F-35 ब्लॉक 4 हमारे पास आ जाता है, तो यह हमारी वायुसेना को इतना मजबूत बना देगा कि कोई भी दुश्मन देश हमारे खिलाफ हवाई युद्ध की हिम्मत नहीं करेगा।
खासकर चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के लिए यह एक बड़ा झटका होगा।
अगर भारत 20-25 F-35 विमान खरीद लेता है, तो हमारी एयर सुपीरियरिटी लंबे समय तक सुरक्षित रहेगी।
इसके बाद, हम अपने AMCA प्रोजेक्ट को भी समय लेकर आराम से पूरा कर सकते हैं।
निष्कर्ष
F-35 ब्लॉक 4 भारत के लिए ऑपरेशनल एडवांटेज साबित हो सकता है। सवाल यह है कि क्या भारत इसे खरीदने का फैसला करेगा, या अपने AMCA प्रोजेक्ट को प्राथमिकता देगा।
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